मंगलवार, 15 नवंबर 2016

छोटे बच्चो में नजर की कमजोरी/चश्मे के संकेत .......

छोटे बच्चो में  नजर की कमजोरी/चश्मे के संकेत .......
किसी भी समस्या को दूर करने के लिए सबसे जरूरी चीज है समस्या की सही पहचान।
छोटे छोटे स्कूली बच्चो में आज कल नजर की कमजोरी की समस्या बहुत भयंकर रूप धारण करती जा रही है।छोटे छोटे बच्चे भी आजकल चश्मे लगाये दिखना आम बात बनती जा रही है इसका एक अर्थ यह भी है कि चश्मा लगाये हुए बच्चो की डॉक्टरी जाँच/उपचार मिल गया है कुछ बच्चे ऐसे भी है जिन्हें जानकारी और जागरूकता के आभाव में डॉक्टरी उपचार नहीं मिल पाता जिससे स्थिति और ख़राब हो सकती है।नजर की कमजोरी का इलाज यदि सही समय पर ना किया जाये तो परिणाम स्वरुप कई बच्चो में पूर्ण अंधापन,आंशिक दृष्टि का नुकसान ,भेंगापन आदि बहुत सारी नेत्र संबंधी समस्याएं हो सकती है अतः दृष्टि की समस्या का सही समय में उपचार बहुत जरूरी है।
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छोटे बच्चो की आँखों की समस्याओं को पहचानने के लिए कुछ तरीके आपको इस लेख के माध्यम से बताये जा रहे है जिनसे आप प्राथमिक रूप से बच्चो के आँखों की कमजोरी को पहचान कर उपयुक्त चिकित्सकीय उपचार करा सकें


छोटे बच्चे की दृष्टि में कमी के संकेत-

1.
सोते समय बच्चे का अपनी आंखें को मलना। 

2.
बच्चे का पढ़ाई के समय,टीवी,मोबाइल आदि के उपयोग के समय सिरदर्द की शिकायत होना  

3.
बच्चे का किसी वस्तु को गौर से देखने के एक आँख बंद कर या दबा कर दूसरी आंख का उपयोग करना  

4.
बच्चे का नजरों का तिरछापन, यह अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि आँखों को तिरछा करना बच्चे की आदत है या  कमजोर नजर का लक्षण हो सकता है  

5.
टीवी,मोबाइल,कंप्यूटर आदि के उपयोग के समय बीच बीच में बच्चे का आंखें बंद कर सिर को हिलाना
6.
बच्चे द्वारा आंखों में दर्द,जलन या चुभन की शिकायत करना
7.
बच्चे की आंखों से पानी निकलना  

8.
बच्चे को किसी भी वस्तु या व्यक्ति की दोहरी छवि बनने की शिकायत करना

यह कुछ प्रारंभिक तरीके है जिनसे आप बच्चे की कमजोर नजर का पता लगा सकते है अगर आपके या आपके आसपास के किसी बच्चे में ये लक्षण दिखाई दें तो बच्चे को अविलंब आँखों के डॉक्टर के पास ले जाएं या डॉक्टर के पास जाने की सलाह दें।
आपकी थोड़ी सी जागरूकता किसी बच्चे को बहुत बड़ी समस्या से बचा सकती है।



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